बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर भारत को गीदड़भभकी दी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आता। उसके नेता भी खोखली बयानबाजी करके अपना चरित्र उजागर करते रहते हैं। ताजा मामला ये है कि पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सोमवार को फिर भारत के खिलाफ गीदड़भभकी दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा, ‘अगर भारत ने सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत इस्लामाबाद को पानी का उचित हिस्सा देने से इनकार कर दिया तो पाकिस्तान युद्ध की ओर बढ़ेगा।’

अमित शाह ने ऐसा क्या कहा था, जिससे तिलमिला उठा पाकिस्तान
दरअसल पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। भारत के इस कदम से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था। ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले हफ्ते ही इस ऐतिहासिक समझौते को कभी बहाल न करने की घोषणा की थी। अमित शाह की इस टिप्पणी से पाकिस्तान तिलमिला उठा था। वहीं अब बिलावल की यह टिप्पणी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा शाह की अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के प्रति की आलोचना के 2 दिन बाद सामने आई है।

बिलावल ने धमकी देते हुए और क्या कहा?
बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान की संसद में दिए भाषण में समझौते को निलंबित करने के भारत के फैसले को खारिज कर दिया और पाकिस्तान के हिस्से का पानी लेने की धमकी दी। उन्होंने सिंधु बेसिन की छह नदियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत के पास दो विकल्प हैं: या तो वह पानी को समान रूप से साझा करे, या फिर हम सभी छह नदियों से पानी अपने यहां पहुंचाएंगे।’

बिलावल ने कहा कि सिंधु जल संधि अभी भी प्रचलन में है, क्योंकि समझौते को स्थगित नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा, ‘सिंधु (सिंधु नदी) पर हमला और भारत का दावा है कि सिंधु जल संधि समाप्त हो गई है और स्थगित है। सबसे पहले, यह अवैध है, क्योंकि सिंधु जल संधि स्थगित नहीं है, यह पाकिस्तान और भारत पर बाध्यकारी है, लेकिन पानी रोकने की धमकी ही संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार अवैध है।’

पूर्व विदेश मंत्री ने बातचीत और सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला, खास तौर पर आतंकवाद विरोधी प्रयासों को लेकर उन्होंने कहा, ‘अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत करने से इनकार करते हैं और आतंकवाद पर कोई समन्वय नहीं होता है, तो दोनों देशों में हिंसा और बढ़ेगी।’

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