कारगिल के बाद फिर फिर भारत के लिए कवच बनी बोफोर्स
स्वीडन की L-70 गन ने राख किए पाकिस्तानी ड्रोन

नई दिल्ली : कारगिल युद्ध के बाद एक बार फिर बोफोर्स की विरासत भारतीय सेना के लिए सुरक्षा कवच बनकर सामने आई है। लेकिन इस बार बोफोर्स की चर्चित तोपों की जगह उसका विकसित किया गया आधुनिक संस्करण L-70 गन, पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चे पर दिखा। एल-70 ने बीती रात पाकिस्तान द्वारा दागे गए करीब 50 ड्रोन और लूटर हथियारों को मार गिराकर एक बार फिर साबित कर दिया कि यह ड्रोन के दौर में भारत की नई ढाल है।
भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का करारा जवाब देते हुए एल-70 गन, ZSU-23mm शिल्का सिस्टम और अन्य एडवांस एयर डिफेंस हथियारों से पाकिस्तान के करीब 50 ड्रोन और लूटर हथियारों को आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने इन हमलों के दौरान हमास की रणनीति अपनाते हुए सस्ते और कम विध्वंसक ड्रोन का उपयोग किया ताकि भारत एस-400 जैसे महंगे सिस्टम की मिसाइलें खर्च करे।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के साथ जैसे जैसे झड़प बढ़ता जा रहा है भारत ने दुश्मनों के ड्रोन का मुकाबला करने के लिए बोफोर्स के एडवांस एल-70 तोपों और सोवियत मूल के शिल्का सिस्टम सहित ड्रोन-रोधी और कम ऊंचाई पर मार करने वाले एयर डिफेंस हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने कल रात एल-70 तोपों, ZSU-23 मिमी, शिल्का सिस्टम और अन्य एडवांस काउंटर हथियारों से पूरी पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान द्वारा दागे गए लगभग 50 ड्रोन और लोटर हथियारों को मार गिराया। दरअसल, एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम से कम वैल्यू वाले रॉकेट्स, ड्रोन और मिसाइलों को रोकना काफी महंगा होता है।
एस-400 से जो ड्रोनों को मारने के लिए जो मिसाइलें निकलती हैं उनकी कीमत काफी ज्यादा होती है। पाकिस्तान ने जब कल जम्मू पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, उस दौरान उसने आतंकवादी संगठन हमास की स्ट्रैटजी अपनाई थी और कम विध्वंसक ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया जा रहा है, ताकि भारत को ऐसे ड्रोन्स को गिराने के लिए महंगे गोलों का इस्तेमाल करना पड़े। ऐसे में भारत ने एल-70 को फ्रंट लाइन पर भेज दिया है।
भारत ने फ्रंट लाइन पर भेजा ‘हवा का कवच’
एल-70 गन को मूल रूप से स्वीडन की बोफोर्स कंपनी ने डेवलप किया है और अब इसका उत्पादन लाइसेंस के तहत भारत में किया जाता है। एल-70 40 मिमी गन को रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और ऑटो-ट्रैकिंग सिस्टम के साथ महत्वपूर्ण रूप से अपग्रेड किया गया है। इस गन की खासियत 4 किमी तक प्रति मिनट 240-330 राउंड फायर करने की है। इसके अलावा नये अपग्रेडेशन के बाद इसे दुश्मनों के रडार को चकमा देने लायक भी बना दिया गया है। लिहाजा ड्रोन के झुंड को खत्म करने में अब ये माहिर है। यानि ड्रोन के झुंड पर हर मिनट में ये औसत 300 राउंड फायर कर सकता है। यानि फायरिंग की तीव्रता को आप समझ सकते हैं।