निर्माणाधीन बैली ब्रिज टूटने पर विभाग का एक्शन

दो अधिशासी अभियंता समेत चार अभियंताओं को निलंबित , ठेकेदार के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा

कर्णप्रयाग/चमोली (उत्तराखण्ड) : थराली तहसील के रतगांव के ढाढ़रबगड़ गदेरे में निर्माणाधीन बैली ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के मामले में विभाग ने एक्शन लिया है। लोक निर्माण विभाग के अफसर के निर्देश पर अवर अभियंता ने थाना थराली में ठेकेदार के खिलाफ की तहरीर दी। थाना अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

लोनिवि सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने प्रकरण में लोनिवि निर्माण खंड थराली के अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता, प्रांतीय खंड कर्णप्रयाग (अतिरिक्त कार्यभार निर्माण खंड थराली) के अधिशासी अभियंता नवीन लाल, निर्माण खंड थराली के सहायक अभियंता आकाश हुड़िया को निलंबित कर दिया है। प्रमुख अभियंता राजेश चंद्र शर्मा ने प्रकरण में ही निर्माण खंड थराली के जेई मयंक को निलंबित किया है। सभी अभियंताओं पर कार्य में लापरवाही का आरोप है।
मुख्य अभियंता पौड़ी कार्यालय से संबद्ध
प्रकरण में निलंबित चारों इंजीनियरों को मुख्य अभियंता कार्यालय पौड़ी से संबद्ध किया गया है। निलंबन आदेश में कहा गया है कि आरोप इतने गंभीर हैं कि इनके स्थापित होने की दशा में उक्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

रतगांव की चार हजार से अधिक आबादी को जोड़ने के लिए ढाढ़रबगड़ के घटगाड़ गदेरे पर लोनिवि की ओर से निर्माणाधीन बैली ब्रिज टूटकर गदेरे में जा गिरा। इस पुल की लंबाई लगभग 60 मीटर और लागत 2.80 करोड़ रुपये थी। विभागीय लापरवाही इस कदर रही कि ठेकेदार के श्रमिकों की ओर से बैली ब्रिज के बर्थ (रस्से) और सपोर्ट एक साथ हटा दिए गए। पुल भार नहीं झेल सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा। डुंग्री-रतगांव मार्ग पर घटगाड़ गदेेरे में 60 मीटर लंबे बैली ब्रिज बनाने की स्वीकृति शासन ने वर्ष 2024 में दी थी। लोनिवि ने इस बैली ब्रिज का निर्माण दो माह पूर्व शुरू किया था। पुल का काम लगभग पूरा हो गया था।

विभागीय लापरवाही इस कदर रही कि ठेकेदार के श्रमिकों की ओर से इस नवनिर्मित बैली ब्रिज के बर्थ (रस्से) और सपोर्ट अलग-अलग हटाए जाने थे लेकिन यह दोनों एक साथ हटा दिए गए। पुल भार नहीं झेल सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा। गनीमत रही कि उस दौरान वहां कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। ग्राम प्रधान महिपाल फरस्वाण, पृथ्वी सिंह, सुजान सिंह, बलवंत सिंह, प्रदीप फरस्वाण आदि ने बैली ब्रिज निर्माण की जांच की मांग और बरसात से पहले पुल निर्माण की मांग उठाई।

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