हर पांच दिन में 1 परमाणु बम बना रहा चीन, रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा!
क्या तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी कर रहा ड्रैगन?

चीन, रूस और अमेरिका के अलावा, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इजराइल, भारत,
पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी परमाणु हथियारों की लिस्ट में
(रिपोर्ट) : दुनिया में हथियारों की होड़ फिर से तेज हो गई है, और इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में है चीन. खबर है कि ड्रैगन हर पांच दिन में एक परमाणु बम बना रहा है. जी हां, आपने सही सुना. पिछले पांच सालों में चीन ने अपने परमाणु हथियारों की संख्या में 360 नए बम जोड़ लिए हैं. अब उसके पास 600 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, जो भारत जैसे पड़ोसी देशों के लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं. आइए, जानते हैं कि दुनिया में परमाणु ताकत का खेल कैसे चल रहा है.
परमाणु ताकत की दौड़ में सबसे आगे कौन?
दुनियाभर के देश अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हैं, और परमाणु हथियार इस रेस का सबसे खतरनाक हिस्सा हैं. एक जापानी थिंक टैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में नौ देशों के पास कुल मिलाकर 9,600 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं. इनमें रूस, अमेरिका और चीन टॉप पर हैं. रूस के पास 4,310 परमाणु हथियार हैं. अमेरिका के पास 3,700 हथियार हैं. लेकिन चीन? उसने तो कमाल ही कर दिया. पांच साल में 150% की बढ़ोतरी के साथ 600 परमाणु हथियारों का आंकड़ा पार कर लिया. यानी हर पांच दिन में एक नया परमाणु बम!
भारत के लिए क्यों है खतरा?
चीन की इस तेज रफ्तार से भारत की चिंता बढ़ना लाजमी है. दोनों देशों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है, और अब चीन का परमाणु हथियारों में इजाफा भारत के लिए खतरे का सबब बन सकता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को और ताकतवर बनाने का आदेश दिया है. लेकिन मजेदार बात ये है कि एक तरफ जिनपिंग परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहे हैं, दूसरी तरफ रूस और अमेरिका से कह रहे हैं कि वे परमाणु निरस्त्रीकरण को बढ़ावा दें. ये तो वही बात हुई कि “मैं तो तलवार बनाऊंगा, तुम उसे रखना बंद कर दो!”
चीन, रूस और अमेरिका के अलावा, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इजराइल, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी परमाणु हथियारों की लिस्ट में हैं. खास तौर पर उत्तर कोरिया की हरकतों ने अमेरिका और यूरोप के देशों को परेशान कर रखा है. किम जोंग-उन का देश भी तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है, जिससे वैश्विक तनाव और बढ़ रहा है. वहीं, भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई गोलीबारी ने भी दुनिया को डराया था. हालांकि, दूसरे विश्व युद्ध के बाद से किसी भी देश ने परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन खतरा अब भी बरकरार है.
परमाणु हथियारों का इतिहास
80 साल पहले, 1945 में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे. इसके बाद से दुनिया ने इस तरह के विनाशकारी हथियारों का इस्तेमाल नहीं देखा. लेकिन अब जब देश अपनी परमाणु ताकत बढ़ा रहे हैं, तो क्या ये शांति बरकरार रहेगी? ये सवाल हर किसी के मन में है. खासकर जब ईरान जैसे देश भी परमाणु शक्ति बनने की राह पर हैं, तो दुनिया में तनाव और बढ़ सकता है.
चीन की इस तेजी ने न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है. परमाणु हथियारों की होड़ में अगर कोई गलती हुई, तो इसका अंजाम पूरी मानवता को भुगतना पड़ सकता है. वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का कहना है कि अगर देशों ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में स्थिति और खतरनाक हो सकती है.