झूठ बोलने में अखिलेश यादव को महारत: भूपेन्द्र चौधरी

पुलिस में जातिगत पोस्टिंग पर बोले डीजीपी- न फैलाएं अफवाह

लखनऊ : पुलिस में जातिगत पोस्टिंग को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोप के बाद सरकार से लेकर संगठन तक ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सपा अध्यक्ष पर पलटवार किया।

उन्होंने कहा कि अखिलेश को झूठ बोलने में महारत हासिल है। सपा शासनकाल में प्रदेश के थाने एक विशेष जाति के हवाले थे और दलितों को न्याय के लिए भटकना पड़ता था। थाने में तैनातियों में क्या-क्या होता था, ये किसी से छिपा नहीं है।

चौधरी ने कहा कि उस समय सपाई गुंडे थानों पर हावी थे, जिससे आम जनता, खासकर दलितों को न्याय नहीं मिलता था। वहीं डीजीपी ने सपा अध्यक्ष को बिना नाम लिए नसीहत दी कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग पुलिस में जातिगत पोस्टिंग को लेकर अफवाह न फैलाएं।
पुलिस में जातिगत पोस्टिंग को लेकर सवाल

सपा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रयागराज में पुलिस में जातिगत पोस्टिंग को लेकर सवाल उठाए। आगरा और मैनपुरी के थानों में भी जाति विशेष की तैनाती और अन्य वर्गों की उपेक्षा के आराेप लगाए। इसके जवाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार में भर्ती और पोस्टिंग जाति, मत या मजहब के आधार पर नहीं, बल्कि योग्यता और संवैधानिक दिशा-निर्देशों के आधार पर होती है।

अखिलेश समय-समय पर जातियों को लेकर ऐसे झूठ बोलते हैं, जिससे समाज में वैमनस्यता बढ़ती है, जबकि मुख्यमंत्री योगी सभी से एकजुट रहने का आह्वान करते हैं। अखिलेश के झूठ को जनता अच्छी तरह से जानती है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने गिनाए आंकड़े
भाजपा प्रदेश्य अध्यक्ष ने अपने बयान के साथ आगरा पुलिस कमिश्नरेट के आंकड़ों का भी का हवाला दिया। कहा कि आगरा में 39 प्रतिशत ओबीसी और 18 प्रतिशत एससी वर्ग के पुलिसकर्मियों की तैनाती है, जबकि ओबीसी के लिए निर्धारित मानक केवल 27 प्रतिशत है।

मैनपुरी में भी 31 प्रतिशत ओबीसी और 19 प्रतिशत एससी वर्ग के लोगों को तैनाती दी गई है। चित्रकूट में 12 में से पिछड़ा वर्ग के तीन, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के दो और अन्य वर्ग के सात प्रभारी निरीक्षक और थानाध्यक्ष नियुक्त हैं।
आंकड़ों से साफ है कि ओबीसी और एससी-एसटी की भागीदारी मानक के अनुरूप है और कई जगह उससे भी अधिक है।

इस बीच डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही जातिगत पोस्टिंग जैसी सूचनाओं का खंडन संबंधित जिलों की पुलिस पहले ही कर चुकी है। यदि भविष्य में ऐसी कोई गलत सूचना फैलाई जाती है, तो हम उसकी सच्चाई सामने लाएंगे। प्रदेश में पुलिसकर्मियों की तैनाती निर्धारित मानकों के अनुरूप ही की गई है।

 

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