उत्तराखण्ड: कैंची धाम नैनीताल पर्यटन में खुल रहे रोजगार के द्वार

रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों के आने से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर

नैनीताल (उत्तराखण्ड) : कुमाऊं में बाबा नीब करौरी स्थापित कैंची धाम, हनुमानगढ़ धाम नैनीताल में बढ़ती श्रद्धालुओं की आस्था से नैनीताल सहित आसपास के धार्मिक पर्यटन-तीर्थाटन को पंख लग रहे हैं। कैंची धाम में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की विशिष्ट हस्तियों की आस्था के बाद ना केवल धाम की प्रसिद्धि बढ़ रही है, बल्कि धाम में सुविधाओं के विस्तार के बाद रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार कैंची धाम में 2021 में सालाना करीब 7-8 लाख पर्यटक-श्रद्धालु, 2022 में 13-14 लाख, 2023 में 18-19 लाख जबकि पिछले साल 24-25 लाख श्रद्धालु पहुंचे। इसमें से अधिकांश नैनीताल सहित आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी पहुंचे। कैंची धाम में पुलिस क्षेत्राधिकारी व एवं एसडीएम कैंची धाम की रिपोर्ट के अनुसार 17 मई से नौ जून तक केवल 20 दिनों में ही तीन लाख 72 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो रिकार्ड है।

सप्ताहांत में 20-22 हजार श्रद्धालु कैंची धाम पहुंच रहे हैं। कैंची धाम की वजह से नैनीताल का पर्यटन कारोबार अब सीजन का माेहताज नहीं रहा बल्कि पूरे साल चल रहा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार त्यौहारों, विशेष दिवसों में एक दिन में सात हजार तक श्रद्धालु दर्शन करते हैं।

प्रशासन व पुलिस की ओर से इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। अनुमान है कि तीन लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करेंगे। कमिश्नर दीपक रावत, आइजी रिधिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा लगातार निरीक्षण कर निगरानी कर रहे हैं।

500 स्वयंसेवकों ने संभाली कमान
बाबा नीब करौरी की तपस्थली कैंची धाम भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक शांति और सुख.समृद्धि लाने के लिए प्रसिद्ध हैं। देश.विदेश से लोग यहां अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं।

जाम से प्रभावित हो रही स्थानीय जरूरतें
नैनीताल: कैंची धाम में लग रहा जाम पूरे कुमाऊं की आर्थिकी एवं जनसामान्य की जरूरतों को प्रभावित कर रहा है। जाम से भवाली-भीमताल, भीमताल-हल्द्वानी, भवाली-नैनीताल में अक्सर जाम लग रहा है, जिससे आपूर्ति तंत्र व परिवहन पर बुरा असर पड़ रहा है। गरमपानी-खैरना क्षेत्र में सड़क हादसों के घायलों सहित गंभीर बीमार मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस तक जाम में फंस रही है।

पर्यटन सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में चारधाम की तर्ज पर कैंची धाम आने वाले भक्तों-पर्यटकों के लिए आनलाइन पंजीकरण, स्थापना दिवस को छोड़कर अन्य दिनों दर्शनार्थियों की अधिकतम संख्या को निर्धारित करने, आनलाइन पंजीकरण नहीं कर सकने वाले श्रद्धालुओं का आफलाइन पंजीकरण कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में करने का सुझाव दिया गया है।

बाइपास का निर्माण जल्द पूरा होना जरूरी
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन नैनीताल के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट के अनुसार कैंची धाम में बढ़ती आस्था से नैनीताल का पर्यटन वास्तव में पूरे साल चल रहा है लेकिन कैंची धाम में जाम की समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है। कैंची धाम के लिए बाइपास का निर्माण जल्द पूरा किया जाए और वहां बुनियादी पर्यटन सुविधाओं का विकास जरूरी है।

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