G7 में आतंकवाद पर पीएम मोदी का सख्त रुख
दहशतगर्दी का साथ देने वाले मुल्कों को अंजाम भुगतने की चेतावनी

कनानास्किस (कनाडा) : G-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच से आतंकवाद, विकास और ग्लोबल साउथ की चिंताओं को दमदार तरीके से उठाया. अपने भाषण में पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर भारत की स्पष्ट और कठोर नीति दोहराई. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंक का समर्थन करने वाले देशों को अब सजा भुगतनी ही होगी.
आतंकवाद पर दो टूक: “अब समय आ गया है निर्णायक कार्रवाई का” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “अगर कोई देश आतंकवाद को समर्थन देता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी चाहिए. आतंक को लेकर दोहरी नीति अब स्वीकार्य नहीं हो सकती.” उन्होंने साफ कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर फैसले लेते समय हमें एकरूपता और निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए. कई बार देखा गया है कि आतंक का समर्थन करने वालों को भी वैश्विक मंच पर इनाम मिलता है – यह प्रवृत्ति अब बदलनी होगी.
अमेरिका और चीन को दिया कड़ा संदेश
पीएम मोदी ने बिना किसी देश का नाम लिए अमेरिका और चीन को सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कई देश आतंकवाद को खुलेतौर पर आतंकवाद को समर्थन करते हैं। वह आतंकवादियों के सागिर्दों को पुरस्कार भी देते हैं। पीएम मोदी के इस बयान को हाल ही में आतंकियों को हमदर्द पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें ट्रंप ने मुनीर को अपने आर्मी परेड डे के बाद लंच के लिए भी आमंत्रण दिया है। जबकि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसमें पाकिस्तान का हाथ था। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।
ग्लोबल साउथ की आवाज बने भारत
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ‘ग्लोबल साउथ’ यानी विकासशील और पिछड़े देशों की चिंताओं पर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती से दुनिया के सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है. “भारत समावेशी विकास के सिद्धांतों पर चलता है, और दुनिया को भी इसी सोच के साथ आगे बढ़ना होगा.”
प्रधानमंत्री मोदी ने G-7 मंच पर तकनीकी विकास और उसके सामाजिक प्रभावों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि AI (कृत्रिम मेधा) के उपयोग को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश हों. Deepfake कंटेंट पर खास चेतावनी चिह्न होना चाहिए, ताकि लोग गुमराह न हों. एनर्जी सिक्योरिटी के लिए री-न्यूएबल एनर्जी (नवीनीकृत ऊर्जा) ही एकमात्र स्थायी रास्ता है. उन्होंने भारत की अंतरराष्ट्रीय पहल जैसे इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस, और कोअलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर का ज़िक्र करते हुए सतत विकास का संदेश दिया.
कनाडा से भी रिश्ते सुधरने की उम्मीद
हाल के महीनों में भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण रहे, लेकिन G-7 समिट में प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के बीच हुई मुलाकात से रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है. दोनों देशों ने नई हाई कमीशन नियुक्तियों पर सहमति जताई, जिससे वीज़ा, व्यापार और नागरिक सेवाओं पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा
शिखर सम्मेलन के इतर पीएम मोदी ने कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात की, जिनमें शामिल रहे. ब्रिटेन के पीएम कीयर स्टार्मर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी एल्बानीज, इन वार्ताओं में व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारियों को लेकर गहन चर्चा हुई.