बंगाल में घुसपैठ के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़, गुवाहाटी-बंगाल से एजेंटों का नेटवर्क संचालित

रोहिंग्य और बांग्लादेशियों को पहले सिखाते भाषा-बोली, फिर बनाते ‘भारतीय’

उन्नाव : म्यांमार से बांग्लादेश के रास्ते भारत आने वाले घुसपैठियों को एजेंटों के जरिये सुनियोजित तरीके से भारत में बसाया जा रहा है। रोहिंग्य को भारत में दाखिल कराने के लिए गुवाहाटी और बंगाल से एजेंटों का नेटवर्क संचालित है।

ये बांग्लादेश से पारगमन समझौते की आड़ में रोहिंग्या को भारत में घुसपैठ करने में मदद करते हैं। एक बार जब रोहिंग्या देश में आ जाते हैं, तो उन्हें यहां अन्य हिस्सों में ले जाने से पहले बंगाल के मालव, नादिया, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जिलों को अस्थायी बस्तियों में रोका जाता। इन बस्तियों में उन्हें उर्दू और हिंदी बोलना सीखते हैं। उसके बाद जहां उनको भेजा जाता है, वहां के स्थानीय मुस्लिम संगठनों के जरिए रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के भारतीय दस्तावेज बनवाए जाते हैं। यह सच्चाई कानपुर में पकड़े गए रोहिंग्या साहिल से पूछताछ के बाद सामने आई है।

किस-किस की हुई पहचान?
स्थानीय नेटवर्क में शामिल पूर्व सभासद शहजादे की मदद से आधार और ड्राइविंग लाइसेंस के साथ निवास प्रमाणपत्र तक बनवा लिए। खहिल पत्नी अनीदा, भाई अनवर, उसकी पत्नी नूर, छोटा भाई हबीबउल्ला, असमत, मो रोहिमा बेगम, पिता याहिया, बहन सिनवारा, बहनोई जुनैद के अलावा चार बच्चों के साथ रह रहा था।

पुलिस ने अजीदा, सिनवारा व नूर को जेल भेजा था। बच्चे भी जेल में माता-पिता के साथ हैं।
जुनैद पुलिस को गच्चा देकर भाग निकला, जिसे पुलिस तलाश कर रही है। वहीं साहिल को म्यांमार से लाया गया था। साहिल से पहले 2021 में बंथर औद्योगिक क्षेत्र के एक स्लाटर हाउस में काम करने वाले रोहिंग्या शहिद को एटीएस ने मानव तस्करी में पकड़ा था।

उसके पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक में खाता, डेबिट कार्ड व पासपोर्ट के साथ ही अलीगढ़ से 2010 में बनवाई गई वोटर आइडी भी मिली थी, जिससे उसने अलीगढ़ में वोट भी डाला था। वर्ष 2017 में वह पत्नी और बच्चों को अलीगढ़ में छोड़कर उन्नाव आया और कासिम नगर में किराए का कमरा लेने के बाद पत्नी बच्चों को ले आया।

पुलिस को उसके पास से तमाम भारतीय पहचान के दस्तावेज के साथ पत्नी की म्यांमार की आइडी मिली थी। अलीगढ़ में उसके फर्जी दस्तावेज बनवाने में वहां के पार्षद ने मदद की थी। उसके पास संयुक्त राष्ट्र संघ का शरणार्थी कार्ड भी था। एसपी दीपक भूकर ने कहा कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तलाश के लिए बड़े स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। लोगों से अपील की गई है कि किसी व्यक्ति पर संदेह हो तो तत्काल पुलिस को सूचना दे।

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