अयोध्या में “सरदार वल्लभभाई और पूर्व PM वाजपेयी की याद में बनेगा स्‍मृति द्वार, योगी सरकार ने दी मंजूरी

सीएम योगी ने हर योजना में साधु‑संतों और स्‍थानीय लोगों से सुझाव लिए : विधायक वेद प्रकाश गुप्‍ता

अयोध्‍या : अब धार्मिक महत्‍व के साथ‑साथ स्‍मारक और आधारभूत ढांचे के नए प्रतीक स्‍थलों से सजी नजर आएगी. योगी सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में खास द्वार बनाने की मंजूरी दे दी है. बाकरगंज बाजार में बनने वाला लौह पुरुष स्‍मृति द्वार 16.57 लाख रुपये की लागत से तैयार होगा, जबकि अयोध्‍या‑गोंडा मार्ग पर पेट्रोल पंप के पास अटल स्‍मृति द्वार के लिए 17.17 लाख रुपये तय किए गए हैं. दोनों परियोजनाओं की पहली किस्‍त जारी हो चुकी है, यानी काम जल्‍द शुरू होगा.

सरदार पटेल ने भारत को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई, वहीं अटल जी ने 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन को संसद से जनता तक आवाज दी. इन दोनों राष्‍ट्रनायकों से जुड़े स्‍मृति द्वार अयोध्‍या के तीर्थ मार्गों को ऐतिहासिक पहचान देंगे. पर्यटन विशेषज्ञ मानते हैं कि 2024 में भव्य राम मंदिर के पट खुलने के बाद अयोध्‍या में प्रतिदिन औसतन दो लाख ज्यादा श्रद्धालु आने लगे हैं, ऐसे में प्रतीक चिन्‍हों का महत्‍व और बढ़ेगा.

सड़कें, सीवर और साफ‑सफाई सब पर फोकस
चार लेन सड़क: 113 करोड़ की लागत से नियावां चौराहा‑पाटेश्‍वरी देवी मंदिर‑रामपथ के बीच फोरलेन सड़क बनेगी, जिससे गोरखपुर और चित्रकूट की ओर जाने वाले यात्रियों को सीधा मार्ग मिलेगा.

पर्यटन सुविधाएं भी अपग्रेड
राम की पैड़ी पर आरती घर, फटिकशिला में मल्‍टी‑लेवल पार्किंग, रामकथा पार्क में नया गेस्‍टहाउस और लता चौक के पास थीम वॉल बनाया जाएगा, जहाँ भारत की सांस्कृतिक झांकियाँ 24×7 लाइट‑शो में दिखेंगी. गुप्‍तारघाट पर बैठने के स्‍थान और हाई‑मास्‍ट लाइट्स लगेंगी, जबकि राजघाट के पास एम्फीथियेटर और फूड‑कोर्ट से शाम की आरती देखने वालों को सुविधा मिलेगी.

संत‑महंत और जनता की राय भी अहम
विधायक वेद प्रकाश गुप्‍ता ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर योजना बनने से पहले साधु‑संतों और स्‍थानीय लोगों से सुझाव लिए हैं. इससे विकास का मॉडल जनता‑जनार्दन के अनुकूल बन रहा है. राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट के महंतों का भी मानना है कि बुनियादी ढाँचा बेहतर होगा तो श्रद्धालुओं को लंबी कतारों, ट्रैफिक जाम और खुले में शौच जैसी दिक्‍कतें नहीं झेलनी पड़ेंगी.

कुछ दलों ने भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर सवाल उठाए थे, लेकिन जिला प्रशासन का दावा है कि 95 फीसद संपत्ति‑मालिकों को बाज़ार दर से ज्यादा रकम दी गई है और बाकी मामलों का समाधान चल रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, सभी टेंडर पारदर्शी ई‑प्रोक्‍योरमेंट पोर्टल पर जारी किए गए हैं.

करीब 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं पर होगा काम
अयोध्‍या नगर निगम क्षेत्र में 17 नई सड़कों का डीपीआर तैयार है और रामपथ‑धर्मपथ पर “मिस्टिंग फैन” लगाने का पायलट शुरू हो चुका है, ताकि गर्मियों में दर्शनार्थी हीट‑स्‍ट्रोक से बच सकें. योगी सरकार का लक्ष्‍य 2026 तक अयोध्‍या को “सांस्‍कृतिक राजधानी” के साथ‑साथ स्‍मार्ट सिटी के रूप में पेश करना है, जहाँ आस्था, इतिहास और आधुनिकता एक साथ कदमताल करते दिखें. करीब 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की इन योजनाओं पर काम पूरा होते ही अयोध्‍या न केवल धार्मिक पर्यटकों, बल्कि इतिहास प्रेमियों और घरेलू‑विदेशी सैलानियों के लिए भी “वन‑स्‍टॉप डेस्टिनेशन” बन जाएगी.

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