मुनीर और ट्रंप की मुलाकात के बाद ईरान पर बंटा पाकिस्तान

इस्लामाबाद: इजरायल और ईरान में भीषण युद्ध शुरू हो गया है। इस बीच ईरान के मुद्दे पर पाकिस्तान की सेना और सरकार दो-फाड़ हो गई है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने जहां एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के बाद ईरान के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है, तो वहीं पाकिस्तान की सरकार ईरान पर इजरायली हमले के खिलाफ है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवारको ईरान पर इजरायली सेना के हमले की कड़ी निंदा की है।

मुनीर और ट्रंप की मुलाकात के बाद ईरान पर बंटा पाकिस्तान
ईरान में पाकिस्तान के मुद्दे पर दो-मत उस वक्त हुआ, जब ट्रंप और मुनीर की वाशिंगटन में मुलाकात हुई। इसके बाद बृहस्पतिवार को प्रेसीडेंट ट्रंप ने ईरान पर मुनीर के रुख पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि आसिम मुनीर से बेहतर ईरान को कोई और नहीं समझता….मुनीर का रूख इज़रायल के भी खिलाफ नहीं हैं। इधर पाकिस्तान की जनता और कई नेता मांग कर रहे हैं कि इज़रायल-ईरान की जंग में पाकिस्तान को ईरान की मदद करनी चाहिए..लेकिन ट्रंप के साथ लंच के दौरान आसिम मुनीर ने ईरान को लेकर पाकिस्तान का स्टैंड क्लियर नहीं किया। ट्रंप ने कहा कि आसिम मुनीर ईरान को दूसरों से बेहतर जानते हैं..जंग जिस तरह आगे बढ़ रही है, उससे वो खुश नहीं हैं..ट्रंप ने कहा कि उनकी ही तरह आसिम मुनीर भी चाहते हैं कि इस युद्ध का जल्द कोई समाधान निकले। इस पर मुनीर ने चुप्पी साध ली है। जबकि पाकिस्तान सरकार इजरायली हमले की निंदा कर रही है।

ईरान के मुद्दे पर क्या बोला पाकिस्तान
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘ईरान पर पाकिस्तान की स्थिति स्पष्ट और पारदर्शी है: हम ईरान को पूर्ण नैतिक समर्थन प्रदान करते हैं; हम ईरान के खिलाफ आक्रामकता की कड़ी निंदा करते हैं।’’ ईरान की सीमा से लगे पाकिस्तान में वहां के शरणार्थियों को शरण देने के लिए तेहरान से कोई अनुरोध नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान ने हमसे अब तक किसी भी तरह की सैन्य सहायता नहीं मांगी है।’’ मगर ‘‘ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपनी रक्षा करने का अधिकार है।’’ उन्होंने कहा कि 21 मुस्लिम देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर ईरान के खिलाफ इजराइली आक्रमण की निंदा की है और इजराइली कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खिलाफ बताया है।

पाकिस्तान ने कहा-तत्काल ईरान पर हमले रोके इजरायल
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान की स्थिति पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है। हम तत्काल इजरायल से ईरान पर हमले रोकने की मांग करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान, ईरान-इजरायल संघर्ष के लिए बातचीत के जरिये समाधान का समर्थन करता है। खान ने कहा कि उपप्रधानमंत्री इशहाक डार ने ईरान, तुर्की, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों के साथ टेलीफोन पर संपर्क किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि ईरान के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई से इस क्षेत्र में और इससे इतर भी खतरनाक प्रभाव पड़ सकते हैं। प्रवक्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि ईरानी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (आईएईए) सुरक्षा उपायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।

ईरान ने नहीं मांगी पाकिस्तान से सहायता
हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक इजरायल के खिलाफ चल रहे युद्ध में ईरान ने पाकिस्तान से किसी भी “सैन्य सहायता” के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है। पाकिस्तान ने, हालांकि इस बात पर भी जोर दिया कि इस्लामिक गणराज्य को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।

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