उत्तर प्रदेश सरकार पर जमानत आदेश अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना

गाजियाबाद/नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत एक मामले में आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद भी न छोड़ने पर उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी को तत्काल जमानत पर छोड़ने और उसे अंतरिम मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेशों की अवहेलना के संबंध में गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश को जांच भी सौंप दी।
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी आफताब के खिलाफ अवैध धर्मांतरण के आरोप में 2024 में मुकदमा दर्ज किया गया था। उसके बाद से वह गाजियाबाद जेल में बंद था। आरोपी ने मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने 29 अप्रैल को उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, जेल अधिकारियों ने आदेश के भी आफताब को जमानत नहीं दी और उसे 24 जून तक जेल में बंद रखा था।
इस मामले में आफताब ने अवमानना याचिका दायर की थी, जिस पर बुधवार को जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनवाई की। इसमें कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए जेल महानिदेशक को कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि वह अपने अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए क्या करने का प्रस्ताव रखते हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 27 जून तक आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट जमा काराने का आदेश देते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट को देखने के बाद तय किया जाएगा कि मुआवजे की राशि किसी जिम्मेदार अधिकारी से वसूली जाए या नहीं। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आरोपी को 24 जून को रिहा करने से पता चलता है कि राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के आदेशों की अवहेलना की है। यह बेहद गंभीर मामला है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।