41 साल बाद अंतरिक्ष में दूसरा भारतीय! शुभांशु शुक्ला ने लहराया तिरंगा

सीएम योगी ने बताया गौरव का क्षण, कैप्टन शुभांशु शुक्ला का परिवार हुआ भावुक

लखनऊ : भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए. वे अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं, 41 साल बाद यह उपलब्धि हासिल हुई है. अंतरिक्ष से उन्होंने कहा, ‘मेरे कंधे से मेरे साथ मेरा तिरंगा है जो मुझे बता रहा है कि मैं आपके साथ हूँ। ये भारत के ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है।’ उनका यह अनुभव भारत के गगनयान मिशन में सहायक होगा.

उत्तर प्रदेश के लिए भी यह गौरवपूर्ण लम्हा है. क्योंकि, कैप्टन शुभांशु शुक्ला के स्कूल सिटी मोंटसरी स्कूल में बड़ी स्क्रीन पर लाइव लॉन्चिंग दिखाई गई. इस अवसर पर सीएमएस की सभी ब्रांच के छात्र और टीचर मौजूद रहे. साथ ही इस अवसर पर उनके माता-पिता और परिवार के सदस्य भी पहुंचे.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में जन्मे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में मानव मिशन Axiom Mission 4 में मिशन पायलट बनने और ऐतिहासिक उड़ान भरने के लिए हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने इस बड़ी उपलब्धि को भारत की वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक भागीदारी की अद्भुत मिसाल बताया।

भारत के लिए गौरव का क्षणः सीएम योगी
सीएम योगी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि यह भारत के लिए गौरव का क्षण है। Axiom Mission 4 के मिशन पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की इस अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन में भागीदारी हमारे वैज्ञानिक उत्कर्ष और वैश्विक सहयोग के प्रति अटूट संकल्प को दर्शाती है। आगामी मिशन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।जय हिंद।

भारत को मिला दूसरा अंतरिक्ष यात्री मिला, अंतरिक्ष से आया संदेश
भारत को 41 साल बाद अपना दूसरा अंतरिक्ष यात्री मिला है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपने तीन साथियों के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुँच गए हैं और उन्होंने अंतरिक्ष से संदेश दिया कि ‘ये भारत के ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है और मैं चाहता हूँ कि आप सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें।’

भारत का दूसरा अंतरिक्ष यात्री स्पेस में, ISS पर पहला कदम!
आज भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं जो स्पेस में गए हैं और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कदम रखने वाले पहले भारतीय हैं. यह एक्सिओम-4 मिशन भारत के गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में भी सहायक होगा.

समझिए अंतरिक्ष यात्रा का पूरा रूट
शुभांशु शुक्ला का मिशन लॉन्च हो चुका है… अब 28 घंटे लगेंगे स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में. ये 28 घंटे क्यों लगेंगे? क्योंकि ड्रैगन कैप्सूल को ऑर्बिट एडजस्टमेंट, डॉकिंग और सुरक्षा जांच में समय लगेगा. यह मिशन न केवल भारत के लिए एक गर्व का क्षण है, बल्कि यह गगनयान मिशन (2026) के लिए भी महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा.

‘मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा है’- शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश
भारत के शुभांशु शुक्ला के साथ ही तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर चुका है. स्पेसक्राफ्ट ने ठीक दोपहर 12.01 बजे (भारतीय समयानुसार) उड़ान भरी. स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया.

शुभांशु के स्पेस मिशन से भारत को क्या फायदा होने वाला है… पूर्व इसरो चीफ सोमनाथ ने समझाया
शुभांशु शुक्ला का एक्सिओम-4 मिशन ISS के लिए अंतरिक्ष में है. यह भारत का दूसरा राकेश शर्मा पल है. शुभांशु 14 दिन तक वैज्ञानिक प्रयोग, योग और भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे. यह मिशन गगनयान की तैयारी और वैश्विक सहयोग का प्रतीक है. भारत का अंतरिक्ष सपना अब नई ऊंचाइयों को छू रहा है.

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