भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए उल्टी गिनती शुरू
1 जुलाई को मिलेगा उत्तराखंड बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष

देहरादून : उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए काउंट डाउन शुरू हो गया है। भाजपा को 1 जुलाई को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए इन दिनों मंथन आखिरी दौर में है। नए मुखिया के लिए किसका नाम चुना जाएगा इस सवाल का जवाब तीन दिनों में मिल जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण भी देखे जा रहे हैं क्योंकि गढ़वाल-कुमाऊं का समीकरण भी संगठन को बनाना है। भाजपा के नए मुखिया के लिए प्रदेश में 30 जून को नामांकन होगा और 1 जुलाई को परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम शामिल हैं। अध्यक्ष की दौड़ में वर्तमान अध्यक्ष और सांसद महेंद्र भट्ट मजबूर दावेदार माने जा रहे हैं। पूर्व अध्यक्ष मदन कौशिक के हटने के बाद महेंद्र भट्ट वर्ष 2022 को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गयी थी। उनके कार्यकाल में भाजपा ने लोकसभा और निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन देखते हुए उन्हें एक बार फिर मौका दिए जाने की चर्चा तेज है।
कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल का नाम
हालांकि मैदान में और भी चेहरे हैं जो प्रदेश अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इससे यह साफ हो गया है कि मुकाबला एक तरफा नहीं होगा। इस दौड़ में पूर्व कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल का नाम भी आगे चल रहा है। तो वही संगठनात्मक पदों पर पकड़ रखने वाले नेताओं में भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, राजपुर रोड विधायक खजान दास, ज्योति प्रसाद गैरोला प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं तो वहीं महिलाओं में आशा नौटियाल और दीप्ति रावत भारद्वाज के नाम भी सामने आए हैं।
भाजपा नेतृत्व आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पहला कदम रखने की तैयारी में है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष का गढ़वाल-कुमाऊं में क्षेत्रीय संतुलन, जातीय समीकरण और संगठनात्मक क्षमता को भी ध्यान में रखा जाएगा।
चुनाव अधिकारी नियुक्त
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। पार्टी के संविधान के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक मंडल और जिला इकाइयों का गठन होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होता है। भाजपा प्रदेश में 50 फीसदी से ज्यादा मंडल इकाइयों का गठन कर चुकी है। 19 सांगठनिक जिला इकाइयों में से 18 के अध्यक्ष घोषित किए जा चुके हैं, जिसके बाद अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है।
पार्टी के सत्ता में रहने पर मुख्यमंत्री अगर कुमाऊं से होता है तो प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल से चुना जाता है तो वहीं ठाकुर और ब्राह्मण के समीकरण भी तय किए जाते हैं। लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव टलता जा रहा था, लेकिन अब 1 जुलाई को नया मुखिया मिलने की घोषणा हो चुकी है। इसके बाद दावेदारों ने भी कसरत तेज कर दी है।