कांवड़ मार्ग पर फूड लाइसेंस और पहचान पत्र रखने का आदेश

सीएम धामी ने बताया क्यों लिया यात्रा मार्ग पर फूड लाइसेंस लिखने का फैसला

देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ मार्ग पर होटल और ढाबा संचालकों का फूड लाइसेंस और पहचान पत्र रखने का आदेश जारी किया है. उत्तराखंड सरकार के आदेश में साफ किया है कि कांवड़ पटरी पर दुकानदारों को अपनी दुकान में लाइसेंस या पंजीकरण सर्टिफिकेट और साथ ही पहचान पत्र रखना होगा. बीते साल भी सरकार ने इस तरह का फैसला लिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को अपने निर्णय पर यूटर्न लेना पड़ा था. हालांकि, इस बार आदेश से बाद में फोटो प्रमाण पत्र का जिक्र हटा दिया गया. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इसके पीछे की वजह भी बताई है.

सीएम धामी का बयान: सीएम धामी ने कहा कि 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से ज्यादा भक्त आने की उम्मीद है. कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर वो खुद जल्द ही हरिद्वार जाकर एक समीक्षा बैठक भी करेंगे. इस बैठक में अधिकारियों के साथ-साथ हरिद्वार के व्यापारी भी मौजूद रहेंगे. साथ ही सीएम धामी ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के बाहर फूड लाइसेंस और पहचान पत्र दिखाने के आदेश का कारण भी बताया.

बीते कुछ समय से थूक जिहाद की घटनाएं आई थी. भोजन और खाद्य पदार्थों को इस तरह से अशुद्ध करना किसी भी कीमत पर देवभूमि में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमने पहले भी इस मामले में कठोर कार्रवाई की है. आगे भी कठोर कार्रवाई करेंगे.                                        – पुष्कर सिंह धामी, सीएम, उत्तराखंड 

सीएम धामी ने कहा कि बीते कुछ महीनों में उत्तराखंड में थूक जिहाद की घटनाएं बढ़ी हैं, इसलिए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. करोड़ों श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ कावड़ यात्रा में आते हैं. ऐसे में वो नहीं चाहते हैं कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था से कोई खिलवाड़ हो. इसलिए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है कि दुकानदारों को अपनी दुकान के आगे फूड लाइसेंस लिखना अनिवार्य होगा. अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा है कि वो पहले भी इस तरह की हरकतों पर कार्रवाई कर चुके हैं और आगे भी अगर कोई ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री धामी के अलावा कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का भी इस मामले पर बयान आया है.

दुकानदारों ने भी किया फैसले का स्वागत: वहीं कांवड़ यात्रा मार्ग के व्यापारियों को भी सीएम धामी के इस फैसले से कोई आपत्ति नहीं हैं. स्थानीय दुकानदार का कहना है कि आधार कार्ड के साथ अगर दुकान का नाम लिखने का फैसला सरकार ने लिया है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है.

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अपनी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पहले ही इस तरह की कई घटनाएं घट चुकी हैं. इसीलिए ये फैसला लिया गया है.

मैं गणेश जोशी हूं तो मैं गणेश खान नहीं लिख सकता. राज्य में बीते कुछ सालों में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसके बाद इस तरह के फैसले लेना बेहद जरूरी हो गया है. – गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री –

बता दें कि, 1 जुलाई को जारी आदेश में स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार की ओर से कहा गया है कि कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाले सभी होटलों, ढाबा, ठेली, फड़ व अन्य खाद्य कारोबारियों को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र की साफ कॉपी अपनी दुकान पर लगानी होगी. छोटे व्यापारियों व ठेले-फड़ वालों को भी अपना पंजीकरण प्रमाण पत्र अपने पास रखना और जरूरत पड़ने पर उसे दिखाना होगा.

इसके साथ ही इस सभी स्थानों में फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड भी साफ दिखाई देने वाले स्थान पर लगाना होगा. इससे ग्राहक को पता चल सकेगा कि खाने की गुणवत्ता की जिम्मेदारी किसकी है. ये स्पष्ट किया गया है कि निर्देश नहीं मानने वालों पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है.

 

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