अयोध्या के रामकथा संग्रहालय की बाउंड्रीवॉल का नए सिरे से होगा निर्माण

गैलरियों के संचालन के लिए बिजली खपत पर मंथन, पावर सब स्टेशन स्थापित किया जाएगा

लखनऊ/अयोध्या : सरयू तट पर स्थित रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण का दूसरा चरण पूरा हो गया है। तीसरे चरण में तकनीकि उपकरण लगाने का काम किया जाएगा। इसी क्रम में रामकथा संग्रहालय की बाउंड्रीवॉल भी नए सिरे से बनाने का निर्णय शनिवार को मंदिर निर्माण समिति की बैठक में लिया गया है। संग्रहालय के पूर्वी व पश्चिमी हिस्से की चहारदीवारी को फिर से बनाया जाएगा।

बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के समक्ष गैलरियों के संचालन का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। गैलरियों के संचालन में कई आधुनिक तकनीक व उपकरण का प्रयोग किया जाना है, इसलिए कितनी बिजली की खपत होगी इसको लेकर बैठक में चर्चा हुई। तय हुआ है कि एक पावर सब स्टेशन संग्रहालय परिसर में स्थापित किया जाएगा, जिससे बिजली का संकट न रहे। संग्रहालय में कुल 18 गैलरियों का निर्माण होना है। सभी की पटकथा को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसे निर्माण समिति व राम मंदिर ट्रस्ट ने फाइनल भी कर दिया है।

राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि श्रद्धालु परिसर में दो से तीन घंटे रुक सकें, इस पर विचार किया जा रहा है। परिसर के अन्य मंदिर बनकर तैयार हो चुके हैं। शेषावतार मंदिर का काम भी अंतिम चरण में पहुंच गया है। राम मंदिर के निकट ही शू रैक भवन का निर्माण भी अगस्त के मध्य तक पूरा हो जाएगा। श्रद्धालु यहां जूता-चप्पल रख सकेंगे। मंदिर दर्शन के बाद अपने जूता-चप्पल पहनकर परिसर के अन्य मंदिरों तक जाने की सुविधा मिलेगी।

सावन मेला शुरू होने से पहले दर्शनपथ पर कैनोपी लगाने का काम पूरा करने का निर्देश भी दिया गया है। राजकीय निर्माण निगम दर्शन पथ पर श्रद्धालुओं के धूप व बरसात से बचाने के लिए करीब 600 मीटर कैनोपी लगा रहा है। इसका 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। सावन झूलनोत्सव का शुभारंभ 27 जुलाई से हो रहा है, उससे पहले यह काम पूरा करने का लक्ष्य है। दर्शन पथ पर पेयजल के इंतजाम और बढ़ाए जा रहे हैं। जहां-जहां कैनोपी लग गई है, वहां लाइटिंग का भी काम तेजी से हो रहा है।

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