यूपी में बदल जाएगा सफर का अनुभव, अब बनेंगे हाईटेक हब!
आधुनिक बस अड्डों पर प्रशिक्षित ड्राइवरों और स्मार्ट इंडिकेटर प्रणाली

लखनऊ : प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में परिवहन विभाग भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसमें स्मार्ट बस अड्डे, प्रशिक्षित ड्राइवर, हाइटेक सिस्टम से परिवहन विभाग इसे और रफ्तार देगा। परिवहन निगम मुख्यालय में विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में इस लक्ष्य में विभाग की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई। परामर्शदाता संस्था डीलाइट ने प्रस्तुति देकर बताया कि परिवहन और लाजिस्टिक्स सेक्टर किस तरह प्रदेश की आर्थिक विकास यात्रा में बड़ा योगदान दे सकते हैं।
अध्यक्षता करते हुए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में परिवहन विभाग की भूमिका बेहद अहम है। अच्छी सड़कों, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा, आधुनिक बस अड्डों और प्रशिक्षित ड्राइवरों के माध्यम से केवल यात्री सुविधाएं ही नहीं बढ़ेंगी, बल्कि इससे आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।
उन्होंने विशेष रूप से ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों में गुणवत्ता बनाए रखने और ग्रामीण-शहरी दोनों क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं सशक्त करने पर जोर दिया। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें शहरी परिवहन में लागू की जा रही स्मार्ट इंडिकेटर प्रणाली, ड्राइवर प्रशिक्षण के लिए बनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी), ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटरों (डीटीसी) की प्रगति और पीपीपी माडल पर बन रहे 23 आधुनिक बस स्टेशनों की स्थिति शामिल रही।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ट्रैफिक सुधारने के लिए स्मार्ट इंडिकेटर प्रणाली की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गई है। इसे सफल होने पर राज्यभर में लागू किया जाएगा। वहीं, ड्राइवरों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एसओपी तैयार कर विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में लागू किया गया है।
इससे सड़क सुरक्षा में सुधार और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन, परिवहन आयुक्त, विशेष सचिव केपी सिंह, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक, मुख्यमंत्री के सलाहकार केवी राजू और परिवहन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।