कानपुर कांग्रेस में सियासी घमासान की जांच शुरू
संगठन ने पूरे मामले को संज्ञान में ले लिया

कानपुर: कांग्रेस में सियासी घमासान की जांच शुरू हो गई है। राष्ट्रीय महासचिव संगठन ने पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया है। इससे अब बड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। नेतृत्व धड़ेबंदी से उबरने के लिए कड़ा निर्णय भी ले सकता है। महानगर अध्यक्ष और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी के बीच खींचतान से पार्टी को हो रहे नुकसान की रिपोर्ट मांगने के साथ प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा व प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को निगरानी में लगाया है।
गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस के अधिवेशन में पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आलोक मिश्रा ने कहा था कि जिनका एक बेटा सपा और दूसरा बेटा भाजपा में वो कांग्रेस में शहर अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसके बाद महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता ने सामने आकर सफाई देते हुए कहा कि स्कूलों में लूट का मुद्दा उठाने के कारण गलत बयानबाजी करके पार्टी को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कांग्रेस नेतृत्व ने मामले की रिपोर्ट मांगी थी।
शुक्रवार को बड़े नेताओं से प्रकरण समझने के बाद राष्ट्रीय महासचिव संगठन ने जांच शुरू करा दी है। इससे जल्द ही कोई चौंकाने वाला निर्णय आ सकता है। कांग्रेस के धड़ों में अलग-अलग चर्चा है। कोई आलोक को ऐसी बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दे रहा है तो कुछ पवन को पद देने को गलत ठहरा रहे हैं।
मामले में आलोक मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपने बयान में हमने किसी शहर का नाम भी नहीं लिया था। बस पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी बात रखी। महानगर अध्यक्ष ने उसे अपने लिए मान लिया, जो चोर की दाढ़ी में तिनका जैसा है। उनके दोनों बेटे पार्टी में हैं तो फिर उन्हें अब कांग्रेस में शामिल कराने की बात क्यों कर रहे हैं।
वहीं पवन गुप्ता का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। अध्यक्ष के रूप में किसी की भ्रामक बातों पर जवाबदेह नहीं हूं। समर्पण व जुनून के साथ कांग्रेस में जिंदगी बिताई है। पार्टी को ऊंचाई पर पहुंचाऊंगा। मेरा बेटा कभी भाजपा में नहीं रहा। दोनों साथ हैं। संगठन के वरिष्ठों से राय लेकर आगे की कार्रवाई होगी। सबको एकजुट रखना हमारा दायित्व है।