विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कठिन फैसले लेने होंगे: मुख्य सचिव

बोले- सरकार हर स्तर पर तैयार; विरोध से दबाव में नहीं आएंगे

लखनऊ: यूपी में पूर्वांचल-दक्षिणांचल के निजीकरण की प्रक्रिया के बीच लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न पहलुओं पर मंथन हुआ। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने दो टूक कहा कि प्रदेश में बिजली सुधार जरूरी है। सरकार इसके लिए हर स्तर पर तैयार है। बिना रुके, बिना थके सुधार की दिशा में आगे बढ़ना होगा। किसी के विरोध के कारण दबाव में नहीं आना है।

प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर अक्तूबर माह से प्रक्रिया चल रही है। ऊर्जा संगठन विरोध कर रहे हैं तो पॉवर कॉर्पोरेशन निरंतर आगे बढ़ रहा है। इसी के तहत शनिवार को गोमतीनगर स्थित होटल में सेमिनार का आयोजन किया गया। विभिन्न प्रदेशों में विद्युत वितरण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने तकनीकी, वित्तीय और व्यावहारिक पहलुओं पर जानकारी दी।

विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कठिन फैसले लेने होंगे
कर्मचारियों के हितों की रक्षा से लेकर वित्तीय प्रबंधन और उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली देने के लिए अपनाई जाने वाली विधियों पर राय रखी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हमें कठिन और संवेदनशील फैसले लेने होंगे।

हर क्षेत्र के बाधारहित 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए यह जरूरी है। पॉवर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर आधारभूत सुविधाओं का सुधार किया है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल अन्य डिस्कॉम की तुलना में पीछे हैं।

ग्रामीण इलाके को भरपूर बिजली देने के लिए निजी क्षेत्र को वितरण में भागीदार बनाना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के लिए दक्षिणांचल एवं पूर्वांचल डिस्कॉम का सुधार और निजी क्षेत्र की सहभागिता के लिए कार्य किया जा रहा है। इसमें उपभोक्ता, उद्योगों और कार्मिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के सुधार के वक्त विरोध होता है, लेकिन हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना है। ग्रेटर नोएडा का उदाहरण देते हुए कहा कि अब लोग एनपीसीएल का कनेक्शन लेना चाहते हैं। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण ने कहा कि दिल्ली, उड़ीसा, चंडीगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सुधार और निजीकरण किया गया है, जो बेहद सफल भी रहा है।

 

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