डायबिटीज एक स्लो प्वाइजन? कई सारी बीमारियां के लिएबन सकता है खतरा!
केवल ब्लड शुगर लेवल ही नहीं बल्कि कई बीमारियों का बढ़ सकता है खतरा

आपका डाक्टर – आज के समय में डायबिटीज एक ऐसी गंभीर समस्या हो गई है जिससे बुजुर्ग ही क्या जवान और बच्चे भी परेशान हो जाते हैं. इससे शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल मेंटेन नहीं होता है, इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए लोगों को चीनी या शुगर कंटेंट वाली चीजों का सेवन करने से मना किया जाता है.
डायबिटीज अगर कंट्रोल ना रहे, तो इससे केवल ब्लड शुगर लेवल ही नहीं बल्कि कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इसमें हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक और ब्लड प्रेशर हाई होने का खतरा भी होता है. आइए आपको बताते हैं पांच बीमारियों के बारे में जो डायबिटीज के कारण हो सकती है.
डायबिटीज से होने वाली बीमारियां
डायबिटीज से केवल हार्ट और किडनी ही नहीं बल्कि कई और बॉडी ऑर्गन इफेक्ट होते हैं. डायबिटीज होने पर कोई भी घाव ठीक होने में समय लगता है, कई बार तो अंग को कटवाने की नौबत भी आ सकती है. इससे स्किन इन्फेक्शन, फंगल इन्फेक्शन, खुजली की समस्या भी बढ़ जाती है. मसूड़े की सूजन, दांतों में कैविटी, महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस, पीरियड्स की इरेगुलेरिटी और डिप्रेशन और तनाव की समस्या भी बढ़ सकती है.
हार्ट डिजीज :- जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा बैलेंस ना हो तो इससे हार्ड डिजीज हो सकती है, जिसमें दिल का दौरा, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल इंबैलेंस होना जैसी समस्या हो सकती है. ऐसे में डायबिटीज को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो हार्ट फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है.
किडनी फेलियर :- डायबिटीज किडनी की फिल्टरिंग यूनिट को नुकसान पहुंचती है, जिससे धीरे-धीरे किडनी के काम करने की क्षमता कम हो जाती है और गंभीर केस में किडनी फेल होने का खतरा भी होता है.
आंखों की बीमारी या रोशनी जाना :- जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, तो इससे आंखों की ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचता है और अगर ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ जाए, तो इससे अंधापन या आंखों की रोशनी जाने की समस्या भी हो सकती है.
नर्व डैमेज होना :- डायबिटीज के मरीजों में आमतौर पर नर्व डैमेज होना या नसों की बीमारियां होना भी बड़ा प्रॉब्लम है, लेकिन जब हाथ पैरों में तेज झनझनाहट, सुन्नपन, जलन या तेज दर्द होने लगे तो यह गंभीर समस्या हो सकती है. इससे नर्व डैमेज और नसों की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
(डॉ राजेश दीक्षित राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन बोर्ड आफ योगा एंड नेचुरोपैथी मेडिसिन नई दिल्ली)