आईएमए की 156वीं पासिंग आउट परेड में श्रीलंका सेना प्रमुख मुख्य अतिथि!
1990 में इसी चेटवुड भवन के सामने सैकड़ों कैडेट्स के साथ अंतिम पग भरा था

देहरादून (उत्तराखण्ड) : श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफि्टनेंट जनरल लासांथा रोडि्रगो ने कहा कि यहां से आईएमए से पास आउट होने वाले विदेशी कैडेट्स आईएमए के मूल्यों के वैश्विक दूत हैं। आईएमए न सिर्फ सैनिकों को प्रशिक्षण देती है ल्कि राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करती है।
रोडि्रगो शनिवार को आईएमए की 156वीं पासिंग आउट परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने खुद के समय को भी याद किया और भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आज भी उन्हें याद है कि उन्होंने अब से 35 साल पहले किस तरह एक सामान्य बाल कटवाने की प्रथा से इस ऐतिहासिक अकादमी का सफर शुरू किया था।
1990 में यहां से पासआउट होने के बाद अब वह अपने देश की सेना का नेतृत्व कर रहे हैं।इससे पहले उन्होंने ऐतिहासिक चैटवुड भवन के सामने डि्रल स्क्वायर पर आईएमए कैडेट्स की भव्य परेड का निरीक्षण किया। परेड के बाद 156वें नियमित पाठ्यक्रम, 45वें तकनीकी प्रवेश योजना और 139वें तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम के कुल 451 ऑफिसर कैडेट्स, विशेष कमीशन अधिकारियों और नौ मित्र राष्ट्रों के 32 कैडेट्स ने अकादमी से गौरपूर्ण विदाई ली।
इसी के साथ यह दिन आईएमए के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया। अपने संबोधन में रोडि्रगो ने आगे कहा कि उनका यह दौरा भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच पारंपरिक, सुदृढ़ और ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का परिचायक बनेगा। इससे आपसी सहयोग को और भी सशक्त बनाया जा सकेगा।
श्रीलंका सेना प्रमुख ने अपने संबोधन की समाप्ति फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रेरणादायक शब्दों के साथ समाप्त किया। उन्होंने कैडेट्स को कहा कि मानेकशॉ की यह बातें उन्हें हर वक्त याद रहती हैं। सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भिक बनो। उन्होंने आईएमए की इस महान विरासत में अपना नया अध्याय जोड़ने की प्रेरणा दी और उत्कृष्ट परेड के लिए बधाई दी। कहा कि कैडेट्स अब जीवनभर चलने वाले सैन्य बंधुत्व का हिस्सा बन गए हैं।
इन्हें प्रदान किया गया पुरस्कार
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर – एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा
गोल्ड मेडल (मेरिट सूची में प्रथम स्थान) – एकेडमी अंडर ऑफिसर रोनित रंजन नायक
सिल्वर मेडल (मेरिट सूची में द्वितीय स्थान) – एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा