लखनऊ SCR के लिए कंपनी का चयन हुआ

71 करोड़ की लागत से छह साल में तैयार हो जाएगा विकास का प्लान

लखनऊः योगी सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना “स्टेट कैपिटल रीजन” (SCR) की प्लानिंग के लिए कंपनी का चयन शुक्रवार को चयन कर लिया गया है. इससे लखनऊ जल्द ही दिल्ली-एनसीआर की राह पकड़ेगा. एससीआर में लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव व रायबरेली में नियोजित रूप से विकास व अवस्थापना के कार्य कराये जाएंगे. इन जनपदों में लोगों को निवास के लिए बेहतर माहौल मिलेगा, रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे और आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी.

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि 71 करोड़ रुपये की लागत से कंसल्टेंट कंपनी एईकॉम इंडिया प्रा. लि. व एजीस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्रा. लि. को चुना गया है, जो एक साल में रीजनल प्लान तैयार करेगी, जिसके बाद कंपनी अगले पांच साल में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिह्नित करते हुए उनकी डीपीआर बनाएगी। साथ ही स्थल पर परियोजनाओं को शुरू भी कराएगी। बैठक में वर्ल्ड बैंक की टीम ने बताया कि वर्ल्ड बैंक की सहभागिता से कई विकसित देशों के शहरों में इस तरह का नियोजित विकास किया गया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि वह एससीआर को बेहतर ढंग से विकसित करने के लिए इस तरह की सफल परियोजनाओं की सूचनाएं साझा करेंगे। एससीआर के रीजनल प्लान में हेरिटेज व सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजा जाएगा।

एससीआर का क्षेत्रफल 26000 वर्ग किमी : एलडीए वीसी ने बताया कि एससीआर का क्षेत्रफल 26000 वर्ग किमी होगा। इसमें शामिल लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली में आधारभूत सुविधाओं को उच्चीकृत किया जाएगा। जनपदों के बीच हाईस्पीड कनेक्टिविटी होगी। इसके तहत मिसिंग रोड नेटवर्क को पूर्ण किया जाएगा, रैपिड रेल, रिंग रोड व एक्सप्रेसवे का काम कराया जाएगा। आवागमन तेज और सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का विकास होगा।

दो कंपनियां एक साल में बनाएंगी प्लानः बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि यूपीएससीआर के लिए जीआईएस आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए कंसल्टेंट के रूप में एईकॉम इंडिया प्रालि एवं एजीस इंडिया कन्सल्टिंग इंजीनियर्स प्रालि. के कंसोर्टियम का चयन किया गया है. 71 करोड़ रुपये भुगतान पर कंसल्टेंट कंपनी द्वारा 1 वर्ष में रीजनल प्लान तैयार किया जाएगा. इसके बाद कंपनी अगले 5 वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिन्हित करते हुए उनका डीपीआर तैयार करेगी. साथ ही स्थल पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कराने का काम सुनिश्चित कराएगी.

एससीआर के लिए वर्ल्ड बैंक करेगा मददः बैठक में वर्ल्ड बैंक की टीम भी मौजूद रही. उन्होंने बताया कि वर्ल्ड बैंक की सहभागिता से कई विकसित देशों के शहरों में इस तरह का नियोजित विकास किया गया है. टीम के सदस्यों ने बताया कि वह एससीआर को बेहतर ढंग से विकसित करने के लिए इस तरह की सफल परियोजनाओं की सूचनाएं साझा करेंगे. एससीआर के रीजनल प्लान में हेरिटेज व सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजा जाएगा.

तेज व सुगम कनेक्टिविटी से होगा विकासः एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि एससीआर का क्षेत्रफल लगभग 26,700 वर्गकिलोमीटर होगा. इसमें शामिल लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली में आधारभूत सुविधाओं को उच्चीकृत किया जाएगा. इन जिलों के बीच हाई स्पीड कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जाएगा. इसके तहत मिसिंग रोड नेटवर्क को पूर्ण किया जाएगा, रैपिड रेल, रिंग रोड व एक्सप्रेस-वे का काम कराया जाएगा. आवागमन तेज और सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा. इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का आर्थिक विकास होगा.

गांवों तक पहुंचेंगी शहरी सुविधाएंः उपाध्यक्ष ने बताया कि एससीआर में शामिल अन्य जनपदों की तुलना में लखनऊ अधिक विकसित है. आसपास के जनपदों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभिन्न कारणों से लखनऊ आते हैं. एससीआर के धरातल पर उतरने से अन्य जनपदों में भी समानांतर रूप से विकास होगा. इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार व व्यवसाय के अवसर सृजित होंगे. गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी और लोगों को उनके क्षेत्र में ही निवास, व्यापार व नौकरी आदि के लिए बेेहतर माहौल मिलेगा.

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