अब 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत ही लगेगी जीएसटी?
सस्ते हो सकते हैं घरेलू आवश्यकता के सामान

नई दिल्ली : जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स को देशभर में एक टैक्स सिस्टम के तौर पर लाया गया था ताकि अलग-अलग टैक्स को एकसाथ जोड़ा जा सके। लेकिन अब 8 साल बाद सरकार एक और बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिससे आम लोगों को सीधा फायदा हो सकता है।
सरकार अब गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रही है। 12% टैक्स स्लैब हटाकर उसमें आने वाले कई सामानों को 5% टैक्स में लाने की तैयारी है। इससे जूते-चप्पल, मिठाई, कुछ कपड़े और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कई सामान सस्ते हो सकते हैं।
साथ ही, जो महंगी चीजें जैसे कारें, तंबाकू, पान मसाला, कोल्ड ड्रिंक्स आदि पर अभी एक्स्ट्रा टैक्स (सेस) लगता है, उसे भी अब सीधे जीएसटी के रेट में ही शामिल करने की तैयारी है।
किन चीजों पर लगता है ये सेस?
जीएसटी काउंसिल से जुड़े दो लोगों के हवाले से मिंट ने बताया कि सरकार ने पहले ‘सेस’ इसलिए लगाया था ताकि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। बाद में कोरोना के वक्त राज्यों को जो लोन मिला था, उसकी वसूली के लिए इस सेस को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया।
कारें, सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों पर अभी जीएसटी के अलावा 22% तक सेस लगता है। लेकिन अब सरकार चाहती है कि यही टैक्स सीधे जीएसटी रेट में जोड़ दिया जाए। इसका फायदा ये होगा कि टैक्स सिस्टम पारदर्शी बनेगा और राज्यों को ज्यादा हिस्सा मिलेगा।
सेस हटने पर कितना असर पड़ेगा?
इस साल ये सेस करीब 1.67 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन देगा, लेकिन मार्च 2026 के बाद ये कलेक्शन खत्म हो जाएगा। सरकार के मुताबिक, सेस को जीएसटी में मिलाने से ग्राहकों को कीमत में कोई फर्क नहीं दिखेगा। जैसे अभी एक SUV पर 28% जीएसटी + 22% सेस लगता है, आगे चलकर यही टैक्स सीधे 50% जीएसटी के रूप में दिखेगा।