आतंकी तहव्वुर राणा को लेकर इंडिया गठबंधन में बढ़ी तकरार
शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार के बयान पर हंगामा

नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. ब्लॉक में कई मुद्दों पर आम सहमति न बन पाने के कारण पार्टियों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। इसके कारण आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन के नेता अब आपस में ही भिड़ने लगे हैं। इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी इन दिनों कांग्रेस से किनारा कर रही है।
इतना ही नहीं पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कांग्रेस अधिवेशन को लेकर सवाल उठाए गए हैं। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि कांग्रेस ने सिर्फ अपने बारे में बात की। कहीं भी भारत गठबंधन का जिक्र नहीं हुआ। कांग्रेस को अपने अहमदाबाद अधिवेशन में इस बारे में बात करनी चाहिए थी।
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव के बाद भारत ब्लॉक कहां खड़ा है, इस पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस को अपने अहमदाबाद अधिवेशन में इस बारे में बात करनी चाहिए थी। गठबंधन का क्या हुआ? क्या यह जमीन में दब गया या हवा में गायब हो गया? इस सवाल का जवाब देना कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी है।
तहव्वुर राणा को लेकर आमने-सामने
हाल के दिनों की बात करें तो तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तनातनी चल रही है, जिसके बाद साफ तौर पर दरार दिखाई दे रही है। दरअसल, बीजेपी की धुर विरोधी उद्धव की शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर सरकार का साथ दिया और उनके फैसले को स्वागत योग्य बताया। वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेता कन्हैया कुमार ने तहव्वुर राणा मामले को सोची-समझी साजिश करार दिया है।
इसके अलावा शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने राणा पर बयान देते हुए कहा कि उसका प्रत्यर्पण स्वागत योग्य है और कन्हैया कुमार का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण देश की उपलब्धि है। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण करवाने वालों ने जो फैसला और कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है।