बसपा प्रमुख से माफी के बाद आनंद की बसपा में फिर हुई वापसी
मायावती ने की पार्टी में वापस लेने की घोषणा

लखनऊ: बसपा से निकाले गए आकाश आनंद ने 41 दिन बाद पार्टी की मुखिया व अपनी बुआ मायावती से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है। उन्होंने फिर से पार्टी मे काम करने की इच्छा जताई है और कहा है कि पार्टी हित में अब वे अपने रिश्ते-नातों खासकर ससुराल पक्ष को भी नहीं सुनेंगे।
आकाश ने रविवार शाम को 5 बजकर 56 मिनट पर इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर मायावती से मांगी इसके करीब ढाई घंटे बाद 8 बजकर 23 मिनट पर मायावती ने एक्स पर उन्हें माफ करने की घोषणा की।
मायावती ने आकाश को दिया एक और मौका
उन्होंने यह भी कहा कि बसपा के लिए अपना जीवन समर्पित करने के मद्देनजर आकाश को एक मौका और दिए जाने का निर्णय़ लिया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि मैं जब तक पूरी तरह से स्वस्थ्य रहूंगी मेरे उत्तराधिकारी बनने का कोई प्रश्न नहीं उठता है। आकाश के ससुर की गलतियां अक्षम्य हैं, उन्होंने गुटबाजी व पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के करियर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए उन्हें माफ करने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है।
आकाश ने एक्स पर जारी बयान में कहा है कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री कई बार राज्यसभा व लोकसभा की सदस्य रही मायावती को मैं दिल से अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु व आदर्श मानता हूं। उन्होंने कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्वीट के लिए बसपा मुखिया से माफी मांगी है और कहा है इसी ट्वीट की वजह से बहन जी ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है।
उन्होंने यह भी कहा है कि आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते-रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा, सिर्फ बहन जी के दिए गए दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा।
पार्टी में बड़ों की व पुराने लोगों की भी इज्जत करूंगा और उनके अनुभवों से भी काफी कुछ सीखूंगा। बहन जी से अपील है कि वे मेरी सभी गलतियों को माफ करके मुझे पार्टी में कार्य करने का मौका दें। इसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा। साथ ही अब मैं आगे ऐसी कोई भी गलती नहीं करूंगा, जिससे पार्टी व बहन जी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान को ठेस पहुंचे।
इसके बाद मायावती ने एक्स पर लिखा है कि आकाश ने एक्स पर सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने व वरिष्ठ लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने के साथ अपने ससुर की बातों में न आने की बात लिखी है।