पुरुषों में हृदय रोग का खतरा कम करती है गठिया की दवा
अध्ययन में सामने आए निष्कर्ष, अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित

लखनऊ : संजय गांधी पीजीआई के साझा अध्ययन में निष्कर्ष निकला है कि गठिया की दवा मेथोट्रेक्सेट दिल के रोग का खतरा कम करती है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
गठिया की बीमारी से पीड़ित पुरुषों में मेथोट्रेक्सेट नाम की दवाई दिल के रोग का खतरा कम करती है। दवाई के सेवन से हृदय रोग का खतरा केवल पुरुषों में ही कम होता है। महिलाओं में इस दवाई के सेवन से दिल संबंधी रोगों के जोखिम पर कोई असर नहीं पड़ता है।
संयुक्त अध्ययनकर्ता संजय गांधी पीजीआई डाॅ. दुर्गा प्रसन्न मिश्रा के मुताबिक रुमेटीइड गठिया (आरए) वाले रोगियों में उच्च हृदय जोखिम की आशंका होती है। गठिया के इलाज में दी जाने वाली मेथोट्रेक्सेट समुदाय की दवाई हृदय रोग का जोखिम कम करती है। महिला और पुरुषों पर अलग-अलग इस जोखिम का आकलन करने के लिए इस अध्ययन की रूपरेखा तैयार की गई।
अध्ययन में गठिया से पीड़ित 4,362 रोगियों को शामिल किया गया। इनमें से 3,223 (73.9%) महिलाएं थीं। इनको मेथोट्रेक्सेट समुदाय की दवाइयां दी गईं। पांच से 15 साल की अवधि तक इनका फाॅलोअप किया गया। इसमें देखा गया कि 237 को स्ट्रोक और मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (दिल का दौरा) हुआ। जबकि 358 रोगियों के खून में ऑक्सीजन की कमी की समस्या हुई।
इनकी वजह से दिल के रोग हुए। इन रोगियों में ज्यादातर महिलाएं थीं। इससे पता चलता है कि मेथोट्रेक्सेट का इस्तेमाल गठिया से पीड़ित पुरुषों में दिल संबंधी रोगों का खतरा कम करता है। दूसरी ओर महिलाओं में इस दवाई के प्रभाव से सूजन कम हो जाती है, लेकिन दिल संबंधी बीमारियों के जोखिम पर कोई असर नहीं पड़ता।
समझें क्यों होता है गठिया रोगियों को दिल के रोग का खतरा
रुमेटीइड गठिया में रोगी के शरीर में दीर्घकालिक सूजन हो सकती है। यह सूजन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और धमनियों में प्लाक का निर्माण कर सकती है। इस प्लाक की वजह से रक्त वाहिकाएं सकरी हो जाती हैं। इसकी वजह से खून का प्रवाह बाधित होता है। यह दिल के दाैरे की वजह बनता है। गठिया रोगियों में सूजन के साथ ही उच्च रक्तचाप, व्यायाम की कमी, मोटापा, धूम्रपान, ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल भी दिल के रोग की वजह बनता है।
गठिया पीड़ितों में 50 फीसदी ज्यादा रहता है दिल की बीमारी का खतरा
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार रुमेटीइड गठिया से पीड़ित लोगों में हृदय रोग का खतरा 50% तक अधिक होता है। इसके साथ ही दिल के रोग से पीड़ित आधे वयस्कों में गठिया की समस्या भी देखी जाती है।