पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दूसरे दिन LOC पर की जबर्दस्त फायरिंग

LOC पर दोनों तरफ से फायरिंग, 12 नागरिकों की मौत,50 घायल।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान की गोलीबारी की निंदा

नई दिल्ली/जम्मू-कश्मीर : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एयर स्ट्राइक से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने बुधवार (07 मई) को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित गांवों को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की, जिसमें चार बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की जान गई है जबकि कई लोग जख्मी हैं. पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया देते हुए चिंता जताई है.

महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”पहलगाम हमले की भयावहता के बाद मुझे लगा था कि मैंने त्रासदी की सारी हदें देख ली हैं, लेकिन आज जब मैंने भारत-पाकिस्तान तनाव की गोलीबारी में मारे गए मासूम बच्चों की दिल दहला देने वाली तस्वीर देखी, तो समझ आया कि सबसे बुरा शायद अभी बाकी है.”

एलओसी के पास गोलीबारी से दहशत
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि सभी नागरिकों की मौत गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित पुंछ जिले में हुईं है. यहां 42 लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. पाकिस्तान की अंधाधुंध गोलाबारी से सीमावर्ती निवासियों में दहशत फैल गई और उन्हें भूमिगत बंकरों में शरण लेने या अपने गांवों के भीतर या बाहर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पाकिस्तान की गोलीबारी में घरों और गाड़ियों को भी नुकसान
पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास बालाकोट, मेंढर, मनकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केरनी और यहां तक ​​कि पुंछ जिला मुख्यालय से भी गोलाबारी की खबर है, जिसकी वजह से कई घरों और गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा है.

भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का भले ही 6-7 मई की रात बदला ले लिया हो, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर को अभी खत्म करने का ऐलान नहीं किया है। इससे पाकिस्तान में दहशत कायम है। पाकिस्तान एलओसी पर लगातार फायरिंग कर रहा है। गुरुवार को भी पाकिस्ता ने एलओसी पर गोले और मोर्टार दागे।

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पाकिस्तानी सेना ने रातभर दर्जनों अग्रिम गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें एक महिला और दो बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई और करीब 50 लोग घायल हो गए हैं।

सीमावर्ती गांवों के लोग सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं
उधर, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पंजाब के फिरोजपुर जिले के कुछ सीमावर्ती गांवों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है। हालांकि पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित अमृतसर व तरनतारन के गांवों में स्थिति शांत है और लोग रोजमर्रा के अपने काम करते नजर आए।

ग्रामीणों को जाने के लिए किसी ने नहीं कहा
फिरोजपुर के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपना सामान स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है, हालांकि सीमा सुरक्षा बल, भारतीय सेना या किसी भी सरकारी एजेंसी ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्णय उन्होंने स्वंय लिया है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए। फिरोजपुर के टेंडी वाला, कालू वाला, गट्टी राजो के, झुग्गे हजारा, नवी गट्टी राजो के, गट्टी रहीमे के, चांडीवाला, बस्ती भानेवाली, जल्लो गांव के लोग सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण ले रहे हैं।

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