कांवड़ यात्रा मार्ग पर खुले में मांस बिक्री पर रोक

दुकानदारों को नाम लिखना होगा .. सीएम योगी ने दिए निर्देश

लखनऊ : त्योहारों के मद्देनजर कानून-व्यवस्था और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि सभी आयोजन सुरक्षा और समरसता के साथ सम्पन्न हों। खासकर, 11 जुलाई से 09 अगस्त तक श्रावण मास रहेगा, जिसके दौरान पारंपरिक कांवड़ यात्रा, श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाएंगे। इसी अवधि में 27 जून से 08 जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा और 27 जून से 6 या 7 जुलाई तक मोहर्रम के आयोजन संभावित हैं। लिहाजा, सभी आयोजन शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराए जाएं। सीएम ने स्पष्ट किया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की बिक्री न हो।

मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है। लिहाजा, उत्तराखंड सीमा से सटे जिलों समेत गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, काशी, बाराबंकी और बस्ती जैसे जिले विशेष सतर्कता बरतें। यात्रा मार्ग पर डीजे, ढोल-ताशा और संगीत की ध्वनि निर्धारित मानकों के अनुरूप ही होनी चाहिए। कानफोड़ू आवाज, भड़काऊ नारे और परंपरा से इतर रूट परिवर्तन किसी दशा में स्वीकार्य नहीं होंगे। ताजिया, रथ या कांवड़ यात्रा में प्रयुक्त डीजे की ऊंचाई भी नियत सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि किसी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गियां हटाना या गरीबों का आश्रय उजाड़ना कदापि स्वीकार्य नहीं होगा।

अस्त्र-शस्त्र के प्रदर्शन पर रोक
सीएम योगी ने कहा कि धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग सौहार्द को खंडित करने वाले तत्व हैं, जिन पर पूरी सख्ती से रोक लगनी चाहिए। शोभायात्राओं और जुलूसों के मार्ग पर प्रतिबंधित पशुओं का प्रवेश रोका जाए। सोशल मीडिया की सघन निगरानी हो और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित की जाए। फेक न्यूज़ और अफवाहों पर नियंत्रण के लिए त्वरित खंडन और सही सूचना का प्रसारण जरूरी है।

कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं, जिनमें वेष बदलकर अराजक तत्वों के शामिल होने की आशंका बनी रहती है। लिहाजा, स्थानीय प्रशासन कांवड़ संघों के साथ संवाद बनाए रखे और सभी व्यवस्थाओं की पूर्व समीक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने दोहराया कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है, किंतु किसी शरारती तत्व को अवसर नहीं मिलना चाहिए।

कांवड़ यात्रा मार्ग मांस की बिक्री पर रोक
कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की बिक्री न हो। यात्रा मार्गों की स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, स्ट्रीट लाइटिंग, पेयजल, शौचालय एवं प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जर्जर विद्युत पोल और लटकते तारों की मरम्मत तत्काल पूर्ण हो। शिविर लगाने वाली संस्थाओं का सत्यापन कर उनके सहयोग से जनसुविधा केंद्र संचालित किए जाएं।

श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को प्रदेशभर के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्र होती है। कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की दरों को तय करते हुए ओवररेटिंग की शिकायतें रोकने को कहा गया है। पूर्ववर्ष की भांति प्रत्येक दुकान पर संचालक का नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। साथ ही खाद्य पदार्थों की ओवररेटिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश हैं।

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