जय जगन्नाथ! सड़कों पर उतरे जगन्नाथ, पुरी में उमड़ा आस्था का महासागर
राष्ट्रपति और पीएम ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं

पुरी (ओडिशा) : भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। यह भव्य यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है। जगन्नाथ रथ यात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। 12 दिन चलने वाली रथ यात्रा को लेकर भक्त उत्साहित हैं। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं दीं।
ओडिशा में श्री जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा देर शाम भी जारी है। इस वार्षिक रथयात्रा के लिए अनुष्ठान शुक्रवार सुबह शुरू हुए थे। शाम 7.30 बजे के बाद भी जगन्नाथ मंदिर के बाहर महाप्रभु जगन्नाथ के दिव्य दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब देखा गया।
ओडिशा में पुरी के अलावा खोरधा जिले के कंकणा शिखरी द्वीप पर भी रथयात्रा का आयोजन किया गया। यहां चिल्का झील में नावों पर भगवान जगन्नाथ की अनोखी जल-रथ यात्रा का आयोजन किया गया।
आस्था के साथ सेवा: 1500 स्वयंसेवकों ने मानव श्रृंखला बनाकर एंबुलेंस को रास्ता दिया
एक साल पहले ओडिशा में भाजपा की सरकार बनी है। इस साल आयोजित रथयात्रा में सरकार के साथ-साथ भाजपा के युवा कार्यकर्ता भी पूरे उत्साह के साथ शामिल हो रहे हैं। पुरी में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान उमड़े लाखों श्रद्धालुओं के बीच भाजपा युवा मोर्चा के करीब 1500 स्वयंसेवकों ने मानव श्रृंखला बनाकर एंबुलेंस के लिए रास्ता साफ किया और जनसेवा के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित किया।
ओडिशा में अत्यधिक भीड़ के कारण घुटन, रोकनी पड़ी रथयात्रा
पुरी की ऐतिहासिक रथयात्रा रोकनी पड़ी है। ओडिशा के मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने कहा, अत्यधिक भीड़ के कारण श्रद्धालुओं को घुटन होने लगी। इस कारण रथयात्रा रोकनी पड़ी। अब भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीनों रथ शनिवार को खींचे जाएंगे। सेहत खराब होने के बाद श्रद्धालुओं को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
8 श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने पर जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया. बताया जा रहा है कि तीर्थ नगरी के ग्रैंड रोड पर रथ यात्रा के दौरान रथ खींचने के लिए काफी ज्यादा संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हो गए थे. इसी दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण कई श्रद्धालुओं की तबीयत खराब हो गई. यह घटना उस समय हुई, जब भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ को खींचने का काम शुरू हुआ.